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किरीट सवैया





किरीट सवैया


स्वागत में उनके जगती जिनके कृत कर्म महान सुनायक।

धाम बने करतूत सदा कदमों पर हो शिव धर्म विनायक।

चाल रहे मतवाल करे सबके हित में शुभ काज सहायक।

संकटमोचन नाम पड़े सबके उर पैठ बने अधिनायक।


विज्ञ बने हर मानव  का मन ध्यान रहे हर भाँति सुचालक।

काम करे दुख क्लेश सहे मनमीत बने हरि रूपक पालक।

द्वेष सदा कुचले पग से निज स्वारथ त्याग बने अरिघालक।

ज्ञान महान विशाल कमाल सुधार उघारत वृत्ति कुचालक।


सभ्य बना शिव मानव हो विचरा सगरी धरती शुभ सुंदर।

राग न द्वेष रखा मन में बस जाप किया अति प्रेम धुरंधर।

ज्ञान रखा शिवशंकर का तप साधक हो कहता शिवशंकर।

शांत बना प्रिय शब्द लपेट उवाच किया निज रूप स्वयंवर।





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4 Comments

Abhilasha deshpande

12-Jan-2023 05:04 PM

Nice

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अदिति झा

12-Jan-2023 04:15 PM

Nice 🙂

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Punam verma

12-Jan-2023 09:04 AM

Very nice

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